फागण आयो रे चलो श्याम के द्वारे

फागण आयो रे चलो श्याम के द्वारे

Phagun Aayo Re Chalo Shyam Ke Dware

फागण आयो रे चलो श्याम के द्वारे,
फागण आयो फागण देखो रंग रंगीलो,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।।

फागण मॉस है जैसे आये मन में उठे उमंग जी,
सांवरिया से होली खेलन आते सभी है संग जी,
खाटू में बैठा सांवरिया सब को दर्शन देता,
जो भी इसके दर आ जाता दुखड़े सब हर लेता,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।।

पचरंगी भागे में बाबा सबको लगता प्यारा,
चम्पा चमेली कागजरा देखो लगदा कितना न्यारा,
रंग गुलाल उड़ाते आते देखो सब नर नारी,
इतर की खुश्बू से महके है अरे खाटू नगरी सारी,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।।

बाबा के निशान जो प्रेमी फागुन में है चढ़ाते,
आशीर्वाद मिले बाबा का हर मौज उड़ाते,
कहे अनिल केशव मिल कर बाबा को रंग लगाना,
रंग लगा कर मारुती संग सब को भजन सुनाना,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।।

Phagun Aayo Re Chalo Shyam Ke Dware

Phagun Aayo Re Chalo Shyam Ke Dware
Phagun Aayo Re Chalo Shyam Ke Dware

Phagun Aayo Rang Rageelo Baje Dhol Aur Jung
Rang Udo Re Shyam Ke Aangan Naina Chhua Mast Malang
Sharan Jo Aawe Shayam Dhadi Ki Deve Kangali Met
Bhar Bhar Muthi Maal Lutave Le Aaj Savra Seth..

Phagun Aayo Re Chalo Shyam Ke Dware
Phagun Aayo Re Chalo Shyam Ke Dware

6 thoughts on “फागण आयो रे चलो श्याम के द्वारे”

Leave a Comment