उठ नाम सिमर मत सोए रहो मन अंत समय पछतायेगा
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
जब चिडियों ने चुग खेत लिया,
फिर हाथ कुछ ना आयेगा
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
हास विलास में बीती ये उमरिया,
बहुत गई, रही थोड़ी उमरिया
जल गया दीपक, बुझ गयी बाती,
कोई न राह दिखायेगा
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
पाप भोग से भरली गठरिया,
जाना रे तुझको और नगरिया
जैसा करेगा वैसा भरेगा,
कोई ना साथ निभाएगा
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
राम नाम धन भर लो खजाना,
रहना नहीं ये देश बेगाना
प्रभु के सेवक होकर रहिये,
प्रभु के चाकर होकर रहिये,
भाव सागर तर जायेगा
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
जब चिडियों ने चुग खेत लिया,
फिर हाथ कुछ ना आयेगा
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Mann Ant Samaye Pachhtayega
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Mann Ant Samaye Pachhtayega
Jab Chidiyo Ne Chug Khet Liya
Hath Kachhu Naa Aayega
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Hash Vilash Mein Beeti Umariya
Bahut Gaye Teri Thodi Umariya
Jalgaya Deepak Bujh Gayi Baati
Koi Naa Raah Dikhayega
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Paap Bhog Se Bharli Gathariya
Jana Re Tujhko Aur Nagariya
Jaisa Karega Vaisa Bharega
Koi Sath Nibhayega
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Ram Naam Dhan Bharlo Khajana
Rahna Nahi Ye Desh Begana
Prabhu Ke Sevak Hokar Rahiye
Prabhu Ke Chakar Hokar Rahiye
Bhav Sagar Paar Jayega
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Uth Naam Simar Mat Soye Raho
Mann Ant Samaye Pachhtayega