कन्हैया मेरी अँखियों में वो तासीर हो जाए
नज़र जिस चीज़ पे डालूं तेरी तस्वीर हो जाये
गोकुल की हर गली में मथुरा की हर गली में
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनिया की हर गली में
गोकुल की हर गली में
गोकुल गया तो सोचा माखन चुराता होगा
या फिर कदम्ब के नीचे बंसी बजाता होगा
गूजरी की हर गली में ग्वालिन की हर गली में
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनिया की हर गली में
गोकुल की हर गली में
चंदा खिलौना लेने ज़िद माँ से करता होगा
राधा से ब्याह करने शायद मचलता होगा
माखन के स्वाद रूस में मिश्री की हर डली में
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनिया की हर गली में
गोकुल की हर गली में
यमुना के श्याम जल में गोता लगाता होगा
पर्वत उठे प्रलय से ब्रिज को बचता होगा
चंदा की चांदनी में बागो की हर काली में
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनिया की हर गली में
गोकुल की हर गली में
चाहत में तेरी मोहन मैं हो गया दीवाना
तुझसे जो दिल लगाया पागल कहे ज़माना
कहीं मैं भी खो ना जॉन जग की चला चली में
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनिया की हर गली में
गोकुल की हर गली में
Gokul ki Har Gali Mein
Mathura Ki Har Gali Mein
Kanha Ko Dhundta Hoon
Duniya Ki Har Gali Mein
Gokul ki Har Gali Mein
Mathura Ki Har Gali Mein
Kanha Ko Dhoondta Hoon
Braj Ki Har Gali Mein
Gokul Gaya To Socha
Bansi Bajata Hoga
Gokul Gaya To Socha
Makhan Churata Hoga
Yaa Fir Kadam Ke Neeche
Bansi Bajata Hoga
Gujari Ki Har Gali Mein
Gwalan Ki Har Gali Mein
Kanha Ko Dhundta Hoon
Duniya Ki Har Gali Mein
Gokul Ki Har Gali Mein
Mathura Ki Har Gali Mein
Kanha Ko Dhoondta Hoon
Braj Ki Har Gali Mein
Shayad Kisee Nari Ka Cheer Badata Hoga
Ya Fir Vish Ke Pyale Ko Amrit Banata Hoga
Meera Ki Har Gali Mein
Bhakto Ki Har Gali Mein
Kanha Ko Dhundta Hoon
Duniya Ki Har Gali Mein
Mohan Ko Dhoondta Hoo
Main Braj Ki Har Gali Mein
Chhaliya Ko Dhundta Hoon
Duniya Ki Har Gali Mein