मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,
भैया भैया कह के रस प्राणों में घोल,
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल।।

इस धरती पे और ना होगा,
मुझ जैसा हत भागा,
मेरे रहते बाण शक्ति का,
तेरे तन में लागा,
जा नहीं सकता तोड़ के ऐसे,
मुझसे नेह का धागा,
मैं भी अपने प्राण तजूँगा,
आज जो तू नहीं जागा,
अंखियो के तारे, अखियों के तारे,
लल्ला अंखियाँ तू खोल,
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल।।

बीती जाए रेन पवनसुत,
क्यों अब तक नहीं आए,
बुझता जाए आस का दीपक,
मनवा धीर गंवाए,
सूर्य निकलकर सूर्य वँश का,
सूर्य डुबो ना जाए,
बिना बुलाये बोलने वाला,
बोले नहीं बुलाये चुप चुप रहके,
मेरा धीरज ना तौल,
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल।।

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,
भैया भैया कह के रस प्राणों में घोल,
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल।।

Mere Lakhan Dulhare Bol Kachu Bol
Mat Bhaiya Ko Rula Re Bol Kachu Bol
Bhaiya Bhaiya Kehke Ras Praano Mein Ghol
Mere Lakhan Dulhare Bol Kachu Bol

Iss Dharti Par Aur Na Hoga Tujh Jaisa Abhaga
Jaa Nahi Sakta Tod Ke Mujhse Aesa Neh Ka Dhaga
Main Bhi Apne Praan Tajunga Jo Aaj Tu Na Jaga

Aankhiyo Ke Taare Bhaiya Ankhiya Tu Khol
Mere Lakhan Dulhare Bol Kachu Bol
Mat Bhaiya Ko Rula Re Bol Kachu Bol

Beeti Jaaye Nayan Pawan Sut
Bujhta Jaye Aas Ka Deepak
Manva Dheer Bandhaye

Surya Nikalkar Surya Vansh Ka
Surya Doobo Na Jaaye

Bina Bulaye Bolne Wala
Bole Nahi Bulaye

Chup Chup Rehke Mera Dheeraj Na Tod
Mere Lakhan Dulhare Bol Kachu Bol
Mat Bhaiya Ko Rula Re Bol Kachu Bol

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