
शिव पंचाक्षरी स्तोत्र – ओंकारं बिंदु संयुक्तम्
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः।।
ओमकार के रूप में हमारे हृदय के केन्द्र में कौन रहता है ?
वह कौन है जिस पर योगियों का निरन्तर ध्यान रहता है ?
वो कौन है जो हमारि सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है ?
जो अपने भक्तों को मुक्ति देता है ?
शिव, उस शिव को नमस्कार
उसी शिव का उच्चारण ओम से है । सदानन्त मन्त्र का पहला शब्द ओम नम : शिवाय
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः।।
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः।।
नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः ।
नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नमः ॥२॥
महादेवं महात्मानं महाध्यानं परायणम् ।
महापापहरं देवं मकाराय नमो नमः ॥३॥
शिवं शांतं जगन्नाथं लोकानुग्रहकारकम् ।
शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नमः ॥४॥
वाहनं वृषभो यस्य वासुकिः कंठभूषणम् ।
वामे शक्तिधरं देवं वकाराय नमो नमः ॥५॥
यत्र यत्र स्थितो देवः सर्वव्यापी महेश्वरः ।
यो गुरुः सर्वदेवानां यकाराय नमो नमः ॥६॥
षडक्षरमिदं स्तोत्रं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥७॥
Shiva Panchakshari Stotra – Omkaram bindu samyuktam
Shiva Panchakshari stotra (Shiva Panchakam)
Omkaram Bindu Samyuktam Nityam Dhyayanti Yoginah
Kamadam Mokshadam Chaiva Omkaraya Namo Namah
Namanti Rishayo Deva Namantyapsarasanganaa
Nara Namanti Devesham Nakaraya Namonamah
Mahadevam Mahatmanam Mahadhyanam Parayanam
Maha Papa Haram Devam Makaraya Namo Namah
Shivam Shantam Jagannatham Lokanugraha Karakam
Shivameka Padam Nityam Shikaraya Namo Namah
Vahanam Vrishabho Yasya Vasuki Kantha Bhooshanam
Vame Shakti Dharam Devam Vakaraya Namo Namah
Yatra Yatra Sthito Deva Sarva Vyapi Maheswarah
Yoguru Sarva Devanam Yakaraya Namo Namah