
जगत है रैन का सपना समझ मन कोई नही अपना
Jagat Hai Rain Ka Spana Samajh Man Koi Nahi Apna
मन लोभी मन लालची मानी
मन चंचल मन चोर
मन के मेट नही चलिए
मन पालक पालक में और
मन जावां तो जवान दे
भ्रड कन रखे शरीर
बिन खेचन कमान के
भाई कैसे लागे तीर
मन गया सो सभी गया
और गया मा तेरा मोड़
बींद कुआ में पद गया
अब जान जावे किन थोर
जगत है रैन का स्पाना
समझ मान कोई नही अपना
जगत है रेन का सपना,
जगत है रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना,
कठन हैं लोभ की धारा,
मुआ सब जाय संसारा।।
जगत है रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना,
पत्ता एक डाल का टूटा,
घड़ा एक नीर का फूटा,
ऐसे नर जाय जिंदगानी,
सवेरा चेत अभिमानी,
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
भूलो मती देख तन गोरा,
जगत में जीवणा थोड़ा,
तजो मन लोभ चतुराई,
निसंग होय रेवो जग माही,
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
सज्जन परिवार सुत दारा,
एक दिन होयेंगे न्यारा,
निकल जब प्राण जायेगा,
कोई नहीं काम आयेगा,
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
सदा मत जाण आदैया,
लगा हरीनाम से नैया,
कटे जम काळ की फाँसी,
कहे कबीर सा अविनाशी,
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
जगत हैं रेन का सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना।।
जगत है रेन रा सपना,
समझ मन कोई नहीं अपना,
कठन हैं लोभ की धारा,
मुआ सब जाय संसारा।।
Jagat Hai Rain Ka Spana Samajh Man Koi Nahi Apna
Man Lobhi Man Laalchi Mani
Man Chanchal Man Chor
Man Ke Mate Nahi Chaliye
Man Palak Palak Mein Aur
Man Jaavan To Javan De
Bhrad Kan Rakhe Sharir
Bin Khechan Kamaan Ke
Bhai Kaise Laage Teer
Man Gaya So Sabhi Gaya
Aur Gaya Maa Tera Mod
Beend Kua Mein Pad Gaya
Ab Jaan Jaave Kin Thor
Jagat Hai Rain Ka Spana
Samajh Man Koi Nahi Apna
Kathin Hai Lobh Ki Dhara
Vaha Sab Jaave Sansaara
Singer – Anil Nagori
Jagat Hai Rain Ka Spana
Samajh Man Koi Nahi Apna
Ho Patta Jaise Daal Se Toota
Ghana Ju Neer Ka Phoota
Ho Aise Nar Jaaye Zindgani
Savere Chet Abhimaani
Jagat Hai Rain Ka Spana
Samajh Man Koi Nahi Apna
Bhoolo Mat Dekh Tan Gora
Jagat Mein Jeevana Thoda
Tajo Mad Lobh Chaturai
Nishankh Re Vo Jag Maayi
Jagat Hai Rain Ka Spana
Samajh Man Koi Nahi Apna
Kutumb Parivar Sut Dara
Ho Ek Din Hovega Nyara
Nikal Jab Praan Jaavega
Koi Nahi Kaam Aavega
Jagat Hai Rain Ka Spana
Samajh Man Koi Nahi Apna
Sada Mat Jaane Aa Deha
Laga Hari Naam Se Neha
O Kate Jab Jaal Ki Faasi
Mile Guru Kabir Avinashi
Jagat Hai Rain Ka Spana
Samajh Man Koi Nahi Apna