
जय श्री श्याम जय श्री श्याम
आन पड़ी अब तो तेरे द्वार कन्हैया
अब तो संकट टार कन्हैया
अब तो संकट टार कन्हैया
टूटी हूँ मैं दर्पण सी
लाज राखले मेरे असुवन की
लाज राखले मेरे असुवन की।।
मीरा नहीं मैं कर्मा नहीं मैं
मैं एक दुखिया कलियुग की
लाज राखले मेरे असुवन की
लाज राखले मेरे असुवन की।।
तेरे सिवा मैं कुछ ना जानू
तुमको अपना सब कुछ मानु
सेवक हूँ तेरे बचपन की
लाज राखले मेरे अंसुवन की
लाज राखले मेरे असुवन की।।
तेरी है बस आस रे मोहन
बाकी है चाँद सांस रे मोहन
दूर करो ये उलझन सी
लाज राखले मेरे असुवन की
लाज राखले मेरे असुवन की।।
बबलू सहे है घाव कन्हैया
आके बचाले नाव कन्हैया
डूब ना जाए पूनम की
लाज राखले मेरे असुवन की
लाज राखले मेरे असुवन की।।
मीरा नहीं मैं कर्मा नहीं मैं
मैं एक दुखिया कलियुग की
लाज राखले मेरे असुवन की
लाज राखले मेरे असुवन की।।
सिंगर – पूनम शर्मा जी दिल्ली।