श्यामजी रंगीला मोहे शरण में लीजिये
दृष्टि दया की मोपे कर दीजिये।।
सदियां सैं बाबा मैं तो, चाकरियो थारो हूँ,
फेर भी दयालु देवा, कैंया दुखियारो हूँ,
सिन्धु बीच न्याव बाबा, श्याम पार कीजिये ।।
दृष्टि दया की मोपे, श्याम कर दीजिये ।।
जोर जैंको चालै जैं पर, बैंसू कर जोड़ के,
दूसरो ना दिखै कोई, सांवरै नै छोड़ कै,
दास की पुकार सुणकै, क्यूँई तो पसीजिये ।।
दृष्टि दया की मोपे, श्याम कर दीजिये ।।
काम है सदा सैं मेरो, हाजरी बजावणो,
गुणगान गा के खाटू, श्याम नै रिझावणो,
दर को भिखारी थारो, बेगा सा रीझिये
दृष्टि दया की मोपे, श्याम कर दीजिये ।।
श्यामबहादुर बाबो, श्याम दातार है,
शिव को तो सारो, बैं पे दारोमदार है,
श्याम नाम हाला प्याला, घोल घोल पीजिये
दृष्टि दया की मोपे, श्याम कर दीजिये ।।
श्यामजी रंगीला मोहे शरण में लीजिये,
दृष्टि दया की मोपे, श्याम कर दीजिये ।।