मन रे भज ले हरी का नाम,
राम कृष्णा श्री कृष्णा राम,
जो है सुखकर आनंद धाम,
राम कृष्णा श्री कृष्णा राम।।
मन रे भज ले हरी का नाम,
राम कृष्णा श्री कृष्णा राम,
मन रे भज ले हरी का नाम,
राम कृष्णा श्री कृष्णा राम।।
केशव कान्हा चित चोर कहो,
या रघुवर अवध किशोर कहो,
राम कृष्णा श्री कृष्णा राम।।
रसना पे अगर तेरा नाम रहे,
जग में फिर नाम रहे न रहे,
मन मंदिर में घनश्याम रहे,
झूठा संसार रहे ना रहे,
दिन रैन हरी का ध्यान रहे,
किसी और का ध्यान रहे न रहे,
तेरी कृपा का अभी मान रहे,
कोई और अभिमान मुझे ना रहे।।
केशव कान्हा चित चोर कहो,
या रघुवर अवध किशोर कहो
रटो दिन प्रति दिन आठो याम ।।
मन रे भज ले हरी का नाम,
राम कृष्णा श्री कृष्णा राम,
मन रे भज ले हरी का नाम,
राम कृष्णा श्री कृष्णा राम।।
सिंगर – ब्रज सरवरी जी।