
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की।।
आदि अनादि अनन्त अनामय,
अज अविनाशी अकल कलामय
सर्वरहित नित सर्व उरालय,
मस्तक सुरसरिधर शशिधर की
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की।।
आरती परम साम्ब शंकर की
कर्ता भर्ता जगसंहारी,
ब्रह्मा विष्णु रुद्र तनुधारी
सर्वविकाररूप अविकारी
अग जग पालक प्रलयंकर की
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की
आरती परम साम्ब शंकर की।।
विश्वातीत विश्वगत स्वामी द्रष्टा साक्षी अन्तर्यामी
काम काल सब जग हित कामी
काम काल सब जग हित कामी
अनघ स्वरूप सकल अघहर की
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की
आरती परम साम्ब शंकर की।।
मुनि मन हरण मधुर सूचि सुंदर
अति कमनीय रूप सुषमावर
दिव्याबर रत्नाभूषण धर
सर्व नयन मन हर सुखकर की
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की
आरती परम साम्ब शंकर की
विकट कराल पञ्चमुखधारी
मुण्डमाल विषधर भयकारी
हाथ कपाल श्मशान विहारी
वेश अमंगल मंगलकर की
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की
आरती परम साम्ब शंकर की।।
भोगी योगी ध्यानी ज्ञानी
जग अभिमानाधार अमानी
आशुतोष अति औढरदानी
दैन्य दुरित दुर्गतिहर हर की
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की।।
आरती परम साम्ब शंकर की
सत्य सनातन शिव शुभकर की।।