मैं हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार

मैं हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार,
और कहाँ मैं जाऊं सांवरे कौन करेगा ऐसे प्यार,
मै हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार।।

एक प्रार्थना तुमसे बाबा अपना लो या ठुकराना,
नौकर रख लो अपने दर का करूँगा तेरा शुकराना,
पड़ा रहूँगा चौखट तेरी करता रहूँगा मैं दीदार,
मै हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार।।

जब जब मैंने हाथ पसारे तूने हाथ बढ़ाया है,
तूने मेरी राह बनाई रस्ता तूने दिखाया है,
मैं चला तो साथ मेरे तू चल पड़ा मेरे सरकार,
मै हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार।।

घेरा मुझको दुखो ने जब पास खड़ा तू पाया है,
रोया मैं जब मेरे सांवरे तूने ही तो हंसाया है,
कैसे भूलूँ बाबा तेरे मुझ पे है इतने उपकार,
मै हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार।।

मैं तो हूँ ना तेरे काबिल फिर भी मुझे निभा लेना,
राज मेहर को श्री चरणों में नाथ मेरे तू जगह देना,
अनिल मित्तल तेरे रंग में रंग बैठा मेरे दातार,
मै हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार।।

मैं हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार,
और कहाँ मैं जाऊं सांवरे कौन करेगा ऐसे प्यार,
मै हूँ तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहूं बस तेरे द्वार।।

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