होली खेल रहे है मेरे श्याम जी

ये है खाटू की होरी
रंगले श्याम में अपनी हस्ती
तीन लोक चौदह भवनों में
खाटू आने की मस्ती।।

होली खेल रहे है मेरे श्याम जी
देखो त्रिलोकी मस्त मलंग हो गया।।

खाटू में देखो आज धूम मची है
धूम मची है धमाल मची है
सारे भगतो का तन मन भी रंग हो गया
सारा त्रिलोकी मस्त मलंग हो गया।।

अबीर गुलाल सभी देब लाये
शंकर शिवाय ठण्डाई बनाये
बाला बजरंग का मन भी मगन हो गया
आज त्रिलोकी मस्त मलंग हो गया।।

सांवरिया भी सबको रंग लगाये
पिचकारी भर गोपी नाथ चलाए
सारे खाटू नगर में हुडंग हो गया
देखो त्रिलोकी मस्त मलंग हो गया।।

होरी खेलन श्याम बहादुर जी आये
भक्त आये अल्लू सिंह जी को लाये
देख आधी का जीवन आनंद हो गया
देख त्रिलोकी मस्त मलंग हो गया।।

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