
बहुत ही निहाल कियो
गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो
म्हारो अंतस उज्वल कियो
गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो।।
जनम जनम का प्राश्चित काटया
म्हारों उज्वल हंस कीयो
गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो।।
नाम की कंठी गला बीच डाली
म्हारा सिर पर पंजों दियो
गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो।।
भवसागर म डूबता देख्या
मख जम सी बचाय लियो
गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो।।
बहुत ही निहाल कियो
गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो
म्हारो अंतस उज्वल कियो
गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो।।