
श्याम से हैं हम………श्याम से हैं हम
सांवरे से रिश्ता मेरा जग से निराला है
रह रह के दिल से ये ही आवास आये
श्याम से हैं हम………श्याम से हैं हम
लोग चाहे कुछ भी बोले दर ना सताए
कहने में अब तो शर्म ना आये
श्याम से हैं हम………श्याम से हैं हम।।
ऐसा वैसा नहीं है बंधन सागर जैसा गहरा
श्याम हमेशा बांधे मेरे सिर पे जीत का सेहरा
संकट मेरे सारे ये काटे दुःख के बदले खुशियां बांटे
आँखों की भाषा भी यही समझाए
रह रह के दिल से ये ही आवास आये
श्याम से हैं हम………श्याम से हैं हम ।।
कभी कभी जब मेरे ऊपर कोई मुश्किल आये
मुझसे कहता मेरे होते काहे तू घबराये
आंच ये मुझपे आने ना देता
लाज ये मेरी जाने ना देता
गॉड में बिठा के मेरा लाल लड़ाए
रह रह के दिल से ये ही आवास आये
श्याम से हैं हम………श्याम से हैं हम ।।
रहता हूँ बेफिक्र में बिलकुल चिंता ये करता है
कहता मोहित हर मुश्किल को ये ही हल करता है
साया बनकर साथ निभाए
जी भर मुझ पे प्यार लुटाये
सांस सांस अब तो मेरी झूम के गाये।।