
खाटू नगरी बिराजयो जग का थे पालणहार,
घर घर पूजा हो रही घर घर जय जयकार।
म्हारा घर का थे पालनहार,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी,
निंदिया ना आवे बाबा श्याम,
थे सर पर हाथ फिराओ जी।
म्हारा घर का थे पालनहार,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी।।
काली घटाएं, काले हैं बादल सर मेरे मंडराएं,
बिजली भी चमके बादल भी कड़के,
दिल मेरा घबराएं अब ना देर करो,
म्हारा श्याम मन्ने थे धीर बँधाओ जी
म्हारा घर का थे पालनहार,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी।।
छायों अँधियारो जीवन में मेरे,
क्यों ना दरश दिखाओ जी,
थारी बाट उडीका म्हारा श्याम,
म्हाने क्यों तरसाओ जी,
अब तो आ जाओ घनश्याम,
क्यों थे म्हाने रुलाओ जी,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी
म्हारा घर का थे पालनहार,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी।।
बचपन सूं म्हारो ओ बाबा,
थारो ही दरश करायो जी,
हारे को साथी म्हारो यो बाबा,
यो ही म्हाने बतलायो जी,
सबकी बिगड़ी बनाये बाबा श्याम,
मेरी बिगड़ी बनायो जी,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी
म्हारा घर का थे पालनहार,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी।।
आशीष की है यही विनती,
म्हाने थे चाकर लगाओ जी,
चाकर लगाओ, दुखड़ा मिटाओ,
म्हाने थे नेड़े बुलाओ जी,
मेरा दुखड़ा मिटाओ बाबा श्याम,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी
म्हारा घर का थे पालनहार,
मन्ने थे धीर बँधाओ जी।।