खाटू को चलो चलो जी

करता क्यों सोच विचार चलो चलो जी,
खाटू को चलो चलो जी,
करता क्यों सोच विचार,
वहाँ बैठे हैं हमारे सरकार चलो चलो जी,
खाटू को चलो चलो जी,
श्याम प्रेमी अब निकल पड़े चलो चलो जी,
खाटू को चलो चलो जी,
श्याम प्रेमी अब निकल पड़े लेके निशान शान ने,
ना कोई आंधी तूफ़ान रोके लाडलो को श्याम के,
जय श्री श्याम बोलो जी जय श्री श्याम।।

बड़े बड़े झुकते हैं दर पे कुछ तो वजह होगी,
खाटू में तो आते केवल श्याम नाम के रोगी,
सुन सुन के चर्चे जाऊँ मैं सदके,
खाटू में जादू होते एक से एक बढ़के,
दुनियाँ तेरे दर पर लगता आ जाती है सिमट के,
सभी देश के प्रेमी बोले चलो चलो जी,
खाटू को चलो चलो जी हम पागल तेरे नाम के,
ना कोई आंधी तूफ़ान रोके लाडलो को श्याम के,
जय श्री श्याम बोलो जी जय श्री श्याम।।

हर गम के मारो को पल में देता यही सहारा,
हर जुबा से सुना हमने बाबा श्याम हमारा,
बन ठन के बैठा मेरा साँवरिया प्यारा,
कितना अलग होगा खाटू का नज़ारा,
जो भी देखे देखता रह जाए मुड़ के देखे दुबारा,
शाम नशा सर चढ़ कर बोले चलो चलो जी,
खाटू को चलो चलो जी,
शाम नशा सर चढ़ कर बोले दीवाने तेरे धाम के,
ना कोई आंधी तूफ़ान रोके लाडलो को श्याम के,
जय श्री श्याम बोलो जी जय श्री श्याम।।

पल में दीवाना करता है ऐसा मेरा साँवरिया,
दुखड़े को पल में हरता है ऐसा मेरा साँवरिया,
खाटू की गलियों की तो शोभा निराली,
हर ग्यारस जद होली दिवाली,
चंदा तारे झूम के नाँचे,
रात भी लगे कितनी मतवाली,
लिखता धीरज श्याम की महिमा चलो चलो जी,
खाटू को चलो चलो जी,
लिखता धीरज श्याम की महिमा गाती अंजलि शान से,
ना कोई आंधी तूफ़ान रोके लाडलो को श्याम के।।

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