श्याम कोई तेरे दर पे आता ना

साँच कहूँ सूं सांवरिया मैं झूठ बताता ना,
बिन मतलब तो बिन मतलब तो,
श्याम कोई तेरे दर पे आता ना।।

झूठ कपट राखें सै मन में छप्पन भोग लगावे,
सवामणी का लालच देकर काम कराना चावे,
शृद्धा से करमां सा खींचड़ कोई खुवाता ना,
बिन मतलब तो, अरे बिन मतलब तो,
श्याम कोई तेरे दर पे आता ना।।

धन दौलत और कोठी बंगला माँगे सोना चांदी,
माँगे सोना चांदी माँगे सोना चांदी,
माया के चक्कर में दुनियाँ कितनी हो रही आँधी,
कितनी हो रही आँधी, कितनी हो रही आँधी,
अरे सुदामा सा यार किते कोई टोये पाता ना,
बिन मतलब तो अरे बिन मतलब तो,
श्याम कोई तेरे दर पे आता ना।।

एक मुट्ठी का दान करें सै और एड करे सै भारी,
नहीं तेरेते लुखमाँ तू जाणे सै सारी,
मीरा नरसी जैसे बनके कोई दिखाता ना,
बिन मतलब तो अरे बिन मतलब तो,
श्याम कोई तेरे दर पे आता ना।।

आजकाल कुछ भगत श्याम तेरे हो रहे घणे खुदगर्जी,
मान चाहे मत मान श्याम आगे तेरी मरजी,
बिन मतलब तो ‘भीमसैन’ तेरे भजण बनाता ना,
बिन मतलब तो श्याम तेरे कोई भजन सुनाता ना,
बिन मतलब तो अरे बिन मतलब तो,
श्याम कोई तेरे दर पे आता ना।।

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