
ये जो बाबा का दरबार है
ये जो कान्हा का दरबार है
मेरे जीने का आधार है
मुझको दीवाना बना दिया
अपना दीवाना बना दिया
ये जो खाटू वाले का द्वार है
ये जो घुसड़ी वाले का द्वार है
यही तो मेरा संसार है
मुझको दीवाना बना दिया
अपना दीवाना बना दिया
तेरे नज़रों की हर बात ने
चाहे दिन हो या चाहे रात में
मुझको बेगाना बना दिया
जग से बेगाना बना दिया
दीवानगी क्या दीवाना है क्या
ये सब तुम्हारी ही साज़िशें हैं
बनाया पागल है इस कदर से
ना मुझको खुद की ही अब खबर है
तेरे रूप ने तेरे रंग ने
तेरे दर पे उठती उमंग ने
मुझको फ़साना बना दिया
ज्योति को फ़साना बना दिया
ये जो बाबा का दरबार है
खाटू का दरबार है