क्या मांगू जी मैं क्या माँगूँ

क्या मांगू जी मैं क्या माँगूँ
श्याम प्रभु तुमसे क्या मांगू
क्या मांगू जी…………….

इतना दिया है तुमने मुझको झोली नहीं समाई
जैसा जब भी मन में आये तू वैसा कर जाए
इच्छाएं तो सांवरे लहरें सिंधु की
प्यासी रहती है सदा एक और बिंदु की
अरब मांगू या खरब मांगू
श्याम प्रभु तुमसे क्या मांगू
क्या मांगू जी…………….

साँची दौलत देकर बाबा जीवन मेरा सजा दे
जिस में भला हो मेरा भगवन ऐसा काम पटा दे
भजनो की तो सांवरे माला दे मुझे
अपने सच्चे प्रेमियों की सेवा दे मुझे
घर मांगू या मैं दर मांगू
श्याम प्रभु तुमसे क्या मांगू
क्या मांगू जी…………….

अज्ञानी हूँ मूरख हूँ में तू ही पाठ पढ़ा दे
मरे सर पर प्यार से बाबा अपना हाथ फिरा दे
पीड़ा मन में ना रहे ऐसा दे वचन
बगिया नंदू भक्तों की कर दे प्रभु चमन
फूल मांगू या बहार मांगू
श्याम प्रभु तुमसे क्या मांगू
क्या मांगू जी…………….

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