बाबा मेरी किस्मत बुलंद कर दे बुलंद कर दे

बाबा मेरी किस्मत बुलंद कर दे बुलंद कर दे
हर ग्यारस खाटू आने का प्रबंध कर दे
मस्ती में अपनी मलंग कर दे
हर ग्यारस खाटू आने का प्रबंध कर दे
बाबा मेरी किस्मत………………

यूँ तो तेरे खाटू नगर में हर रात ग्यारस की रात है
क्या फागण क्या सावन वहां पर कृपा बरसती दिन रात है
मुझपे भी कृपा तू चाँद कर दे चाँद कर दे
हर ग्यारस खाटू आने का प्रबंध कर दे
बाबा मेरी किस्मत………………

नाज़ है मुझको किस्मत पे मेरी मैंने तुम्हारा दर पा लिया
सेवा पूजा कुछ भी ना जानू तूने तो फिर भी अपना लिया
दर दर भटकना अब तो बंद कर दे बंद कर दे
हर ग्यारस खाटू आने का प्रबंध कर दे
बाबा मेरी किस्मत………………

धन दौलत की परवाह नहीं है अपनी मुलाकात होती रहे
जब तक सांसें मेरे घर में बाबा तुम्हारी ज्योति रहे
अमरीश मांगे आनंद कर दे आनंद कर दे
हर ग्यारस खाटू आने का प्रबंध कर दे
बाबा मेरी किस्मत………………

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