
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभो आरती उतारती,
तुझको मैं निहारती,दिल में तू बसा हुआ,
फिर भी हूँ पुकारती भावना संवारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।
पास अपने आने दे, दुखड़ा तो सुनाने दे,
भक्ति भावना भरी,आंसुओं की है लड़ी,
पाँव हूँ पखारती, आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।
कांधे चढ़ के आयी हूँ, चरणों में निवास दो,
नाद डमरू का सुनूं, वर तुम्हारी मैं बनू,
आँगन तेरा बुहारती, आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।
नंदी मुझको भा गया, दिल में मेरे छा गया,
तेरा ही तो अंश है, भक्ति का वो पंत हैं,
डमरू से निकले भारती, आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।
त्रिशूलधर हो नाथ तुम, रखलो मुझको साथ तुम,
त्रिशूल मेरे तुम हरो, चरणों में अपने ही धरो,
भक्ति भाव चाहती, आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।
भस्म राग अंग अंग, मस्त होते पीके भंग,
भंग भक्ति की पिला, पिला के शक्ति तू दिला,
नाथ प्राण हारती, आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।
देवों में देव श्रेष्ठ तुम, सबसे ही हो ज्येष्ठ तुम,
किसकी मैं शरण गहुँ, तुझसे बस यही कहूं,
पद रज तेरी स्वीकारती, आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।
तुझको मैं निहारती, दिल में तू बसा हुआ,
फिर भी हूँ पुकारती, भावना सवारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती,
भोलेनाथ हे प्रभु आरती उतारती।।