ज़ख़्मी दिल ये पुकारे सुनले हारे के सहारे

वार किये हैं अपणो ने सबने किया किनारा
डगमग नैया भवर में डोले मैंने तुझे पुकारा
ना जाने कब सुध लेगा मेरी कब आएगा तू लीले चढ़के
माना जन्मो जनम का लेले अब तो शरण में

ज़ख़्मी दिल ये पुकारे सुनले हारे के सहारे
लीले वाले ओ लीले वाले
हार रहा हूँ आके जिता दे
लीले वाले ओ लीले वाले

महके बगिया वो जिसका बाग़बान तू
कांटे हटा के करता राहें आसान तू
राहों से मेरी कांटे हटा दे
लीले वाले ओ लीले वाले

बंजर धरती पे नीर बरसा दे
बाबा जन्मो की प्यारी अँखियाँ दरश दिखा दे
सांवरे रंजीता को अपना बना ले
लीले वाले ओ लीले वाले

देदे चरणों में अपने तू जगह दे
दर्शन दे दे मुझको जीने का वजह दे
सांवरे विपिन को सेवक बना ले
लीले वाले ओ लीले वाले
ज़ख़्मी दिल ये पुकारे……………

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