
तुम रूठ गए जो मुझसे क्या हाल हमारा होगा
मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुज़ारा होगा
मेरे सपनो की दुनिया तो तेरे दम से रौशन होती
मेरे घर आँगन में तेरी कृपा की जलती ज्योति
मैं रोज़ दिवाली मनाऊं जो तेरा सहारा होगा
मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुज़ारा होगा
मैंने सांसों की माला में तेरे नाम के मोती पिरोये
तेरे रहमो करम पे नैना जाने कितनी बार भिगोये
गुज़रेगा हंस कर जीवन जो साथ तुम्हारा होगा
मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुज़ारा होगा
पिछले जन्मो के मेरे सत्कर्मो का ये फल है
मेरे दामन में खुशियों की अब होने लगी हलचल है
तू चोखानी से रूठे हरगिज़ ना गवारा होगा
मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुज़ारा होगा