नंदी ले जा मेरा सन्देश

ओ नंदी ले जा मेरा सन्देश,
कहियो डमरुँ वाले को,
ओ नंदी ले जा मेरा सन्देश,
सुनाईयों डमरुँ वाले को।।

कई जन्मों से माला जप रही,
चन्दन इस माथे पे लग रही,
अरे मेरा जोगण वाला भेष,
सुनाईयों डमरुँ वाले को,
ओ नंदी ले जा मेरा सन्देश,
सुनाईयों डमरुँ वाले को।।

मैं विरह में मरी पड़ी हूँ,
कौन सुने दुःख भरी रे पड़ी हूँ,
अरे वो जगतपति जगदीश,
सुनाईयों डमरुँ वाले को,
ओ नंदी ले जा मेरा सन्देश,
सुनाईयों डमरुँ वाले को।।

पहाड़ों ऊपर तेरा ठिकाना,
प्राण नाथ शिव शम्भु माना,
अरे मेरा लगे जी जिमे ठेस,
सुनाईयों डमरुँ वाले को,
ओ नंदी ले जा मेरा सन्देश,
सुनाईयों डमरुँ वाले को।।

खान पीन में भांग धतूरा,
कोयल काली बन में कूके,
अरे मैं कैसे आऊं पेश,
सुनाईयों डमरुँ वाले को,
ओ नंदी ले जा मेरा सन्देश,
सुनाईयों डमरुँ वाले को।।

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