
शम्भू ये तेरी माया कही है धुप कही है छाया
शम्भू ये तेरी माया कही है धुप कही है छाया
साँसे तब तक चलेगी जब तक रहेगा तेरा साया
शंभू ये तेरी माया, कहीं है धूप कहीं है छाया
शंभू ये तेरी माया, कहीं है धूप कहीं है छाया।।
खुद तूने विष पिया,ऑरो को अमृत पिलाया,
तेरे जैसा योगी ना मिला है,ना पाया।।
सांसें तब तक चलेगी,जब तक रहेगा तेरा साया भोले
शम्भू ये तेरी माया,कहीं है धूप कहीं है छाया।।
शम्भू ये तेरी माया कही है धुप कही है छाया
शम्भू ये तेरी माया कही है धुप कही है छाया
साँसे तब तक चलेगी जब तक रहेगा तेरा साया।।
शम्भू ये तेरी माया,कहीं है धूप कहीं है छाया
तू अघोरी भस्म सनी तेरी काया,
त्रिशूल उठा के तांडव जब डमरू डम डामया ।।
तू अघोरी भस्म सनी तेरी काया,
त्रिशूल उठा के तांडव जब डमरू डम डामया ।।
कांपी ये धारी जग घबराये अंबर थार थराये।।
शम्भू ये तेरी माया, कहीं है धूप, कहीं है छाया भोले
शम्भू ये तेरी माया, कहीं है धूप कहीं है छाया।।
औरो को दौलत बातें,खुद से दूर मोह माया,
औरो को दौलत बाटे ,खुद से दूर मोह माया
सांसो में योगी, योगी में संसार समया।।
शम्भू ये तेरी माया,कहीं है धूप कहीं है छाया
शम्भू ये तेरी माया,कहीं है धूप,कही है छाया।।