
मेरे सांवरे के दर की महिमा निराली है,
मेरे सांवरे के दर की महिमा निराली है।।
मेरे सांवरे की दर की महिमा निराली है,
महिमा निराली है दरबार आली है,
मेरे सांवरे के,
मेरे सांवरे के दर की महिमा निराली है।।
जो भी आया इस के द्वारे,
कर दिए उसके वारे न्यारे,
रोज-रोज उनके घर में दिवाली है,
मेरे सांवरे के,
मेरे सांवरे के दर की महिमा निराली है।।
जिसने दर पे अर्जी लगाई,
श्याम ने झट से कर दी सुनाई,
उसने भक्तों की कोई ना बात टाली है,
मेरे सांवरे के,
मेरे सांवरे के दर की महिमा निराली है।।
जिसकी डगमग डोले नईया है,
उसके नाव की बने खेवैया,
उसकी भवरो से नईया पल में निकाली है,
मेरे सांवरे के,
मेरे सांवरे की दर की महिमा निराली है।।
वीरेंद्र जब-जब हारे, श्याम प्रभु ने दिए सहारे,
मेरी इज्जत भी इसने हरदम संभाली है,
मेरे सांवरे के,
मेरे सांवरे के दर की महिमा निराली है।।