बम बम भोलेनाथ तेरी माया अपरम्पार

बम बम भोलेनाथ तेरी माया अपरम्पार,
सच्चे मन से जो भी ध्याते कर देते उद्धार,
बम बम भोलेनाथ तेरी माया अपरम्पार।।

है कैलाशी है अविनाशी अजर अमर तेरी माया है,
कण कण मैं तेरा नूर समाया शंकर शंभू नाथ जी ,
बम बम भोलेनाथ तेरी माया अपरम्पार।।

नंदी की करते है सवारी,
विषधारी कहलाते है,
नीलकंठ को जल जो चढ़ाते,
बन जाते हर काम रे,
बम बम भोलेनाथ तेरी माया अपरम्पार।।

मुक्ति का वर देने वाले,
तुम ही औघड़ दानी हो,
रवि को अपनी शरण में लेलो,
करता ये गुण गान है,
बम बम भोलेनाथ तेरी माया अपरम्पार।।

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