बैठ नज़दीक तू सांवरे के

बैठ नज़दीक तू सांवरे के
तार से तार जुड़ने लगेगा
देख नज़रों से नज़रें मिलाके
बात तुझसे वो करने लगेगा।।

ये है भूखा तेरी भावना का
ये है प्यासा तेरे प्रेम रस का
नंगे पैरों से ये दौड़ा आता
प्रेमियों का इसे ऐसा चस्का
प्रेम जितना तू इससे बढाए
उतना तेरी तरफ ये बढ़ेगा
देख नज़रों से नज़रें मिलाके
बात तुझसे वो करने लगेगा।।

पास में बैठ कर के प्रभु के
अपने दिल की हकीकत सुनाओ
एक टक तुम छवि को निहारो
कोई प्यारी सी धुन गुनगुनाओ
भाव जागेंगे तेरे ह्रदय के
प्रेम तेरा उमड़ने लगेगा
देख नज़रों से नज़रें मिलाके
बात तुझसे वो करने लगेगा ।।

होंगी आँखों ही आँखों में बातें
खूब समझोगे इसके इशारे
देगा निर्देश तुझको कन्हैया
बनते जाओगे तुम इसके प्यारे
इसके कहने में जब तुम चलोगे
नाम दुनिया में तेरा चलेगा
देख नज़रों से नज़रें मिलाके
बात तुझसे वो करने लगेगा।।

श्याम से प्यार जिसने किया है
स्वाद जीवन का उसने लिया है
जिसने नज़दीकियां है बढ़ाई
उसने मस्ती का प्याला पिया है
बिन्नू होंठों पे रख कर के देखो
सारा जीवन महकने लगेगा
देख नज़रों से नज़रें मिलाके
बात तुझसे वो करने लगेगा।।

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