
श्याम मेरा खाटूवाला जादू कैसा कर गया
कैसा ये नशा है बाबा उतरे ना उतरता
श्याम मेरा खाटूवाला जादू कैसा कर गया।।
आये मुसीबत जब भी बाबा आ जाता
उन घड़ियों में श्याम लीले चढ़ जाता
सुनके पुकार सबकी सामने वो आ गया
श्याम मेरा खाटूवाला जादू कैसा कर गया।।
जिनको है भरोसा तेरा वो ही सब पाटा
तेरे दरबार से वो खाली नहीं जाता
हो गया जो तेरा बाबा दीवाना वो हो गया
श्याम मेरा खाटूवाला जादू कैसा कर गया।।