
ज्यूं-ज्यूं ग्यारस नीड़े आवे याद कसूती आवे,
रै सुण खाटू आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै सुण लीले आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै मेरे श्याम धनी सुन तेरे बिना ना रोटी भावे।।
बेरण नींद आवे कोन्या पीछे मेरे पड़ रया तू,
क्यूं कर मैं भुलाऊं तने भीतर ले में बड़ रया तू,
सुपणे में भी खाटू दिखे साबत रात जगावे,
रै सुण खाटू आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै सुण लीले आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै मेरे चांद चकोरे तेरे बिना ना रोटी भावे।।
कालजे में म्हारे बाबा उठ रही हुक सी,
तेरी याद की या दिल पे लागै सै बंदूक सी,
कामकाज में जी ना लागे तेरी याद सतावे,
रै सुण खाटू आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै सुण लीले आले तेरे बिना ना रोटी भावे।।
ग्यारस पे मिली या चिट्ठी तेरे मेरे मेल की,
आजा आजा बोले सीटी खाटू आली रेल की,
घड़ी घड़ी न्यूं लागे के तू हेला मार बुलावे,
रै सुण खाटू आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै सुण लीले आले तेरे बिना ना रोटी भावे
ओ मेरे श्याम सलोने तेरे बिना ना रोटी भावे।।
एकले का जी ना लागे बैठ्या सोचूं कोली में,
खाटू के में आ के खेलूं भगतां से होली मैं,
जे नहीं बुलाया मने दुनिया तेरी हँसी उडावे,
रै सुण खाटू आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै सुण लीले आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
ओ मेरे श्याम सलोने तेरे बिना ना रोटी भावे।।
श्याम रंग आली बाबा चूंदड़ी मैं ओढूँ जी,
इब तो मैं बाबा तेरा पिंड कोन्या छोडूँ जी,
छोड़ के दुनियादारी नरसी भजन तेरे ही गावे,
रै सुण खाटू आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
रै सुण लीले आले तेरे बिना ना रोटी भावे,
ओ मेरे श्याम सलोने तेरे बिना ना रोटी भावे।।