
वो गुल किस काम का
जिस गुल में खुशबु ना हो,
वो दिल किस काम का,
जिस दिल में बिहारी जी तू ना हो।।
हरिदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो,
कोई नहीं है मेरा,
आकर मुझे बचालो,
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो।।
चौखट पे तेरी बैठा,
विश्वास को जगाये,
कही बुझ ना जाये दीपक,
आकर इसे सम्भालो,
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो।।
दुनिया की खाई ठोकर,
अब तक मिला ना दर,
दर दर से हूँ निकाला,
इस दर से ना निकालो,
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो।।
बदनाम करके छोड़ा,
अपने हुऐ बेगाने,
कहाँ जाके मुँह छुपाऊँ,
कमली में तुम छुपालो,
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो।।
तेरे नाम करके जीवन,
आया शरण तिहारी,
छिपते क्यों हो मुझसे,
पर्दा जरा हटालो,
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो।।
माना नहीं हूँ काबिल,
फिर भी तुम्हारा पागल,
“गोपाल” के सांवरिया,
चरणों में अब बिठालो,
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो।।
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लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो,
कोई नहीं है मेरा,
आकर मुझे बचालो,
हरीदास के बिहारी,
मुझको गले लगालो।।
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