आ गयो फागुन रंग रंगीलो खाटू चालो रे

तैयारी कर ल्यो खाटू जाने की,
पहल्या से टिकट कटा ल्यो रे,
आ गयो फागण रंग रंगीलो खाटू चालो रे,
ध्यान लगा के सुन ल्यो बाबो हेलो घाल्यो रे,
तैयारी कर ल्यो खाटू जाने की,
पहल्या से टिकट कटा ल्यो रे,
कटा ल्यो रे कटा ल्यो रे,
आ गयो फागुन रंग रंगीलो खाटू चालो रे।।

खाटू जानो है सुण के देखो मन कैसो मुस्कायो,
आख्या के सामने सारो खाटू नजारो आयो,
सारो खाटू नजारों आयो,
रहन के ताई खाटू नगरी में,
पहले से कमरों बुक करवा ल्यो रे,
आ गयो फागुन रंग रंगीलो खाटू चालो रे।।

भीड़ घनेरी होवण लागी मंदिर के माहीं,
देखो लागी मंदिर के माहीं,
बाबा के दर्शन ने लाइन लागे भारी,
देखो लाइन लागे भारी,
जल्दी से दर्शन मिल जावे इका,
ऐसी कोई सेटिंग करवा ल्यो रे,
आ गयो फागुन रंग रंगीलो खाटू चालो रे।।

बल्लू बोले, भक्ता एक निशाँन ले चालो,
चरण छुआ बाबा के अपने घर पे लगा ल्यो,
बीने अपने घर पे लगा ल्यो,
हरदम रहवेगो बाबो संग में बाबा इन इया मना ल्यो रे,
आ गयो फागुन रंग रंगीलो खाटू चालो रे।।

ग्यारस ने रात जगास्या बाबा के धोक लगास्या,
आपा बाबा के धोक लगास्या,
फाग का गीत सुणास्या और धमाल मचास्या,
रंग जावे बाबोअपने ही रंग में,
ऐसो कोई रंग मंगवा ल्यो रे,
आ गयो फागुन रंग रंगीलो खाटू चालो रे।।

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