बाबा अब तो बुला लो ना द्वार

बाबा अब तो बुला लो ना द्वार
दर तेरे आने को तरसे है ये दिल
तड़पे है बारम्बार
बाबा अब तो बुला लो ना द्वार

बैठ गए हो खाटू नगरिया
भक्तों को काहे सताये
ना संदेस ना कोई खबरिया
ग्यारस भी छूटी जाए
डूब जायेगा प्रेमी ये तेरा
अब तो सुन लो पुकार
बाबा अब तो बुला लो ना द्वार

भर भर बुलाये खाटू की गलियां
मुझको ही क्यों ना बुलाये
छट पट तड़पे प्रीत हमारी अज्जू के आंसू
मोरछड़ी लहरा दो बाबा
कट जाए संकट हज़ार
बाबा अब तो बुला लो ना द्वार

दर तेरे आएं तो कस के पकड़ना छूटे ना मेरो हाथ
नाम जगत में वैसे ही तेरो हारे को देता तू साथ
मैं हारयो तो हारे को तू ही कर दीजो बेड़ो पार
बाबा अब तो बुला लो ना द्वार
बाबा अब तो सुनलो पुकार

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