
बोल सांचे दरबार की जय
बोल सांचे दरबार की जय
बजाओ श्याम नाम की ताली
क्यों बैठे हो खाली
बजाओ श्याम नाम की ताली।।
जो है इसको मन से ध्याता
नैया सबकी पार लगाता
भरता झोली खाली
बजाओ श्याम नाम की ताली ।।
खाटू में है रंग बरसता
स्वर्ग सा तोरण द्वार है लगता
बारह महीने दिवाली
बजाओ श्याम नाम की ताली।।
ग्यारस पे है हाज़िरी लगती
सब भक्तों की किस्मत की जगती
मोना प्रिंस सवाली
बजाओ श्याम नाम की ताली।।