भजले मनवा सिया राम राम

भजले मनवा सिया राम राम
सारा दुखवा जिन्दगीया से कट जाए रे,
राम नामवा में बांटे रे अमृत के जाम
किरपा होई बेडा पार लग जाए रे,
राम नामवा में बांटे रे अमृत के जाम।।

श्री राम से दिलवा लगा ले रे मन
प्रभु बंदन में शीश जुका ले रे मन
राम चारण में सब रो धामा
दुःख के बदरा जिन्दगी से छट जाए रे
राम नामवा में बांटे रे अमृत के जाम।।

मोह माया का वो काम आ वे न हो
भगत भगवन के ई सब के भावे न हो
भक्ति बंधन ही जीवन का पेहला कमा
करले दुखवा भी प्रतिना यु हट जाए रे
राम नामवा में बांटे रे अमृत के जाम।।

Bhajle Manva Siya Ram Ram
Sara Dukhva Jindagiya Se Kat Jaaye Re
Ram Naamva Mein Baate Re Amrat Ke Jaam
Kripa Hoyi Beda Paar Lag Jaaye Re
Ram Naamva Mein Baate Re Amrat Ke Jaam

भजले मनवा सिया राम राम
सारा दुखवा जिन्दगीया से कट जाए रे,
राम नामवा में बांटे रे अमृत के जाम
किरपा होई बेडा पार लग जाए रे,
राम नामवा में बांटे रे अमृत के जाम।।

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