
भक्त वत्सलये नमः
Bhakt Vatsal Namah Lyrics Hansraj Raghuwanshi | Mahashivratri special 2024
आया हूँ मैं दर पे तेरे देख शंकरा
थोड़ी सी जगह शरण में दे दे शंकरा
तेरी शरण में आके भोलेनाथ
दूर हो जाती है हर परेशानी
तूने ही लिखी है मेरी ये दास्ता
तू ही सवारे गा मेरी कहानी
यूं ना मुझको दूर कर
अब तो मुझको खुद में समा
भक्त वत्सलाये नमः
शीत कंठाये नमः
भक्त वत्सलये नमः
शीत कंठाये नमः
कृपा मुझ पर रखना
मेरी गलतियों को करके क्षमा ॥
भक्त वत्सलाये नमः
शीत कंठाये नमः
कृपा मुझ पर रखना
मेरी गलतियों को करके क्षमा
लम्हा लम्हा भोले साथ में बिताऊँ
तुझपे भोले अपना हक मैं जाताऊँ
हाल क्या है तेरे बिन तू ही जाने
शिव से प्रेम कितना कैसे मैं बताऊँ
मिलने को तुझसे क्यों बेकरार हूँ मैं
ना होगी तेरे अंदर से रवानी
जिंदगी में मेरी बहती है खुशियाँ
जैसे हो बहता समुंदर में पानी
यूं ना मुझको दूर कर
अब तो मुझको खुद में समा
भक्त वत्सलाये नमः
शीत कंठाये नमः
कृपा मुझ पर रखना
मेरी गलतियों को करके शमा
भक्त वत्सलये नमः
शीत कंठाये नमः
कृपा मुझ पर रखना
मेरी गलतियों को करके क्षमा ॥
आहे भोले तेरे चरणों की
धोल का मैं कंठ बन जाऊं
जीवन के सारे बंधनों से
शंकर जी खुद को मुक्त पाऊं
तू जिस्म जान भोले अब तेरा हो गया है
खुद का वजूद भी मेरा अब कहीं खो गया है
सारे जगत के तुम ही हो राजा
और गौरा मैया जगत की है रानी
जब तक ना दोगे दरस त मुझे
तब तक करता रहूँगा मैं यूंही मन मानी
यूं ना मुझको दूर कर
अब तो मुझको खुद में समा
भक्त वत्सलये नमः
शीत कंठाये नमः
कृपा मुझ पर रखना
मेरी गलतियों को करके क्षमा ॥
भक्त वत्सलये नमः
शीत कंठाये नमः
कृपा मुझ पर रखना
मेरी गलतियों को करके क्षमा ॥
सिंगर – हंसराज रघुवंशी जी
Bhakt Vatsal Namah Lyrics in Hindi
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