भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए

भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए लिरिक्स Bhawan Darbar Sajaye O Maiya Mujhe Bulaye Lyrics


दरस बिना दिल मेरा तड़पा तड़पाये,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए,
आए हर साल बुलावे ओ ओ, ना इक पल मुझे बुलावे,
मेरी माँ मेरी माँ मेरी माँ भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए।।

चले एक होके हम माँ के दर पे छोड़ो गम,
छोड़ो आँखो के ये नम और उदासी रे,
ये है अंगना का धाम मन में एक ही है नाम,
आंखे मैया के दरस को प्यासी रे,
दर्शन को आए हैं हम, हो हो, मेरी माँ मेरी माँ हो,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए।।

मँझधार में फँसा है पतवार में फंसा है,
रफ्तार में फँसा है संसार की,
छोड़ मोहमाया जग की मिट्टी मिली काया सबकी,
बनी देख साया जग की जोता वालिए,
मन में जला दे जोति हो मेरी माँ मेरी माँ हो,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए।।

खड़े द्वार पे तुम्हारे सारे भक्त भोले भाले,
कर दो सुख के उजाले मेरी दातिए,
ऊंचे धाम में विराजी मेरी मैया शेरोंवाली,
भर्ती सबकी झोली खाली मेहरा वाली,
करती मुरादें पूरी हो मेरी माँ मेरी माँ हो,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए।।

आए हर साल बुलावे ओ ओ, ना इक पल मुझे बुलावे,
मेरी माँ मेरी माँ मेरी माँ भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए।।

Bhawan Darbar Sajaye O Maiya Mujhe Bulaye Lyrics

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