
नवरात्री का दिन अति पावन
नवरात्री का दिन अति पावन
घर घर ज्योति जलती है
भवानी आंबे रानी नौ रूपों में माँ झोलियाँ भरती है ।।
प्रथम पूजू शैल पुत्री को
दूजी ब्रह्मा चरनी को
तीजी चंद्र घंटा पूजू
चौथी माँ कुशमांडा को ।।
माँ का रूप लगे मन भवन
भक्तो का दुःख हारती है
भवानी आंबे रानी माँ
नौ रूपो माँ झोलियाँ भरती है ।।
नवरात्री का दिन अति पावन
नवरात्री का दिन अति पावन
घर घर ज्योति जलती है भवानी आंबे रानी
भवानी आंबे रानी नौ रूपों में माँ झोलियाँ भरती है ।।
पंचमी इस्कन्दा माँ पूजा
षष्टी को कात्यानी माँ
सरस्वती सप्तमी को
पूजू सुर लय ताल धयानी माँ
अष्टमी को अन्नापूर्ण ध्या कर
कन्या पूजन करती है।।
भवानी आंबे रानी माँ
नौ रूपो में माँ झोलियाँ भरती है ।।
नवरात्री का दिन अति पावन
नवरात्री का दिन अति पावन
घर घर ज्योति जलती है भवानी आंबे रानी
भवानी आंबे रानी नौ रूपों में माँ झोलियाँ भरती है ।।
नवमी का है दिन है अति प्यारा
दुर्गा रूप को पूजे जहां
राज ना जाने रहती है तू कहा कहा
सच्चे मन से शीश नवा कर माँ दुखड़े हारती है
भवानी आंबे रानी नौ रूपों में माँ झोलियाँ भरती है ।।