
भेज दे बुलावा मैया ओ शेरावाली
करदे मेहर मैया ओ शेरावाली ।।
तेरे दर पे आने को जी चाहता है
झलक एक पाने को जी चाहता है।।
याद आ रहा है भूमि का मंदिर
संग खेली श्री धर के जहां कन्या बनकर
जहां कन्या बनकर वहा फिर से जाने को जी चाहता है
तेरे दर पे आने को जी चाहता है
झलक एक पाने को जी चाहता है।।
तेरा दर्शनीय दरवाजा लागे बड़ा चंगा
लेती हिलोरे मन में तेरी बाण गंगा
डूबकी लगाने को जी चाहता है
तेरे दर पे आने को जी चाहता है
झलक एक पाने को जी चाहता है।।
Bhej De Bulava Maiya O Sherawali
Karde Mehar Maiya O Mehrowali
Tere Dar Pe Aane Ko Jee Chahta Hai
Jhalak Ek Paane Ko Jee Chahta Hai