
तुझे बिन सुना है कैलाश,
शिव ढूंढे जोगी बनकर रे,
मान भी जाओ गौरा रानी,
रूठी क्यू हो शंकर से,
भोले बोले पार्वती से।।
भोले बोले पार्वती से,
गौरा चलो कैलाश में,
तेरे बिन मोरा जिया नहीं लगे,
गोरी चलो कैलाश में।।
भोले बोले पार्वती से,
गौरा चलो कैलाश में,
तेरे बिन मोरा जिया नहीं लगे,
गोरी चलो कैलाश में।।
महल मिले ना रहने को,
मेरा प्रेम मिले भरपुर,
नंदी को लाया संग अपने,
मेरा डेरा है बड़ी दूर,
जहां दासो दिशा मिलन करे,
नित्त ठंडी ठंडी पवन बहे,
बाराफो के महल बनाकर,
बैठा खुले आकाशो में।।
भोले बोले पार्वती से,
भोले बोले पार्वती से,
गौरा चलो कैलाश में,
तेरे बिन मोरा जिया नहीं लगे,
गोरी चलो कैलाश में,
भोले बोले पार्वती से।।
महल न चाहू रहने को,
तुम सदा मेरे संग,
महल न चाहू रहने को,
तुम सदा मेरे संग,
लीन ध्यान में रहते हैं,
या बहे जट्टा से गैंग,
तेरे गले में वास भुजंग करे,
तेरे भूत प्रेत मुझे तंग करे,
तेरा रुद्ररूप भभित करे,
मैं नी जनना कैलाशो में।।
भोले बोले पार्वती से,
भोले बोले पार्वती से,
गौरा चलो कैलाश में,
तेरे बिन मोरा जिया नहीं लगे,
गोरी चलो कैलाश में।।
Trending Bhajan
शंभु बोले पार्वती से,
भोले बोले पार्वती से,
भोले बोले पार्वती से,
भोले बोले पार्वती से,
गौरा चलो कैलाश में,
तेरे बिन मोरा जिया नहीं लगे,
गोरी चलो कैलाश में।।
शिव भजन देखो –