तेरी मिट्टी में मिल जावाँ गुल बणके मैं खिल जावाँ
तलवारों पे सर वार दिएअंगारों में जिस्म जलाया हैतब जा के कहीं हमने सर पेये केसरी रंग सजाया है ऐ मेरी ज़मीं अफसोस नहींजो तेरे लिए सौ दर्द सहेमहफूज़ रहे तेरी आन सदाचाहे जान मेरी ये रहे न रहे ऐ मेरी ज़मीं महबूब मेरीमेरी नस-नस में तेरा इश्क बहेफीका ना पड़े कभी रंग तेराजिस्मों से … Read more