दीप जलाओ कौशल्या के प्यारे आए है
खुशिया मनाओ सखिया मिल गाओ मंगल चारआए है रघुनंदन साजवा दो सारे द्वार।। रामजी आए लंका जीत गये स्वागत में सब गीतदीप जलाओ कौशल्या के प्यारे आए हैअवध पूरी में जग के तरण हारे आए हैसिया संग राम लखनजी राज दुलारे आए है।। नाचे सारे नगर निवासीखिले है सबके तन मनकदम पड़े जब प्रभु के … Read more
