मैं हू ना क्यो चिंता करता है मेरे होते क्यू डरता है
एक रात मैं दुखी मैं होके,सो गया था रोते रोते,सपने में श्याम ने आकर,कहा मुझे गले लगाकर,मैं हू ना क्यो चिंता करता है,मेरे होते क्यू डरता है।। श्याम को मैने देखा,धीरज अपना खोया,लिपट गया चरणों से,फुट फुट कर रोया,मुस्का कर होले होले,मेरे आंसू पोछे बोले,मैं हू ना क्यो चिंता करता हैमेरे होते क्यू डरता है।। … Read more