घिर घिर आई बदरिया
घिर घिर आई बदरियागगनवा में चमके बीजूरियालागा सावन बरस रहा पानीभीग रहा अंग अंग उमंग में जवानीहारे गोरी की लचके कमरियागगनवा में चमके बीजूरिया।। बरसे ना बदरा तो पनिया को तरसेनन्ही ननान्ही बूड़िया पड़े मान हर्षेठंडी ठंडी चलत बायारियागगनवा में चमके बीजूरिया।। घिर घिर आई बदरियागगनवा में चमके बीजूरिया सावन मस्त महीना लागाच्छाई हरीलिया मोरा … Read more