काया ने सिंगार कोयलिया पर मंडली मत ज्याजे रै
काया ने सिंगार कोयलिया पर मंडली मत ज्याजे रै Kaaya Ne Singaar Koyaliya Par Mandali Mat Jyaaje Rai काया माया पावणी और कियाँ घर होय,राखोड़ी रहवे नहीं,उठ चले पट खोल,भाग बिना मिलता नहीं भली वस्तु का भोग,दाख फले बैसाख में हुवे काग गले रो रोग,काया ने सिंगार कोयलिया पर मंडली मत ज्याजे रै,पर मंडली रा … Read more