उद्धार करो भगवान तुम्हारी शरण पड़े
सिया राम मय सब जग जानीकरहुं प्रणाम जोरि जुग पानी।। जपहि नाम जन आरत भारीमिटाहि कुसंग होहि सुखारि।। नाम लेत भव सिंधु सुखाहीकरहु विचार सुजान मन माही।। उद्धार करो भगवान तुम्हारी शरण पड़ेभव पार करो भगवान तुम्हारी शरण पड़े।। सिया राम मये सब जग जानीकरहुँ प्रनाम जोड़ी जुग पानीजपहि नाम जन आरत भारीमिटहि कुसंग होहि … Read more