राम कहने का मजा जिसकी जुबा पर आ गया
राम कहने का मजा जिसकी जुबा पर आ गयामुक्त जीवन हो गया चारो पदार्थ पा गया।। जाती की थी भीलनी प्रेम से सुमिरन कियापरमात्मा घर आ के बेर झूठा खा गया।। भक्त प्रहलाद की भक्ति का क्या बखन करूप्रहलाद जब रोने लगे खंबे पर सर धरने लगे।। नरसिंह होकर चल दियातीनो लोको में यश पा … Read more