मुझ ना समझ नादान को अब ज्ञान का वरदान दे

मुझ ना समझ नादान को अब ज्ञान का वरदान दे Mujh Naa Samajh Nadan Ko Ab Gyan Ka Vardan De हे शारदे मा मुझे याद हैके बचपन से हीबसंत पंचमी केकुछ दिन पहेले से हीहमारे मस्तिष्क मेंहुलचल शुरू हो जाती थीजब तक लड़कपन हावी थातुम्हारी अर्चना महज एक कौतूहल हावी थीमेरे हर एक सबाद पेर … Read more