महेश वंदना
किस विधि वंदन करू तिहारो ओढरदानी त्रिपुरारी,बलिहारी बलिहारी जय महेश बलिहारी।। नयन तीन उपवीत भुजंगा, शशि ललाट सोहे सिर गंगा,मुंड माल गल बिच विराजत महिमा है भारी,बलिहारी बलिहारी जय महेश बलिहारी।। कर में डमरू त्रिशुल तिहारे, कटी में हर वाघंबर धारे,उमा सहित हीम शैल विराजत, शोभा है न्यारी,बलिहारी बलिहारी जय महेश बलिहारी।। पल में प्रभु … Read more