धीरज बाँध के अर्ज लागले तेरो जनम सुधर जासी

धीरज बाँध के अर्ज लगाले तेरो जनम सुधर जासी
धीरज बाँध के अर्ज लागले तेरो जनम सुधर जासी
खाटू आया जाय कर तू प्रेम को सौदों पैट जासी
धीरज बाँध के अर्ज लगाले तेरो जनम सुधर जासी ।।

खाटू आया जाय कर तू प्रेम को सौदों पट जासी
धीरज बाँध के अर्ज लागले तेरो जनम सुधर जासी।।

जो जो खाटू जावेगो खाटू बिना किसी दरकार के
त्यू त्यू प्रेम बढ़ेगा तेरो श्याम धनि सरकार से
ऐ की यारी मिली जो प्यारे मौज सु जीवन काट जासी
धीरज बाँध के अर्ज लगाले तेरो जनम सुधर जासी ।।

माया घणो लुटावे बाबो प्रीत में कर दो देर जी
एक पैर जो बांध जाए डोरी रात ने करे सावेर जी
रात ने करे सावेर जी
श्याम चरण में मिटा ले हंसती दुःख में सुख तन्ने दिख जासी
श्याम चरण में मिटा ले हंसती इसमें सुख तन्ने दिख जासी
धीरज बाँध के अर्ज लगाले तेरो जनम सुधर जासी ।।

तेरा तुझ में कुछ ना प्यारे जो कुछ है सब श्याम का
ललित कहे तू मालिक बनता तू सेवक बन श्याम
श्याम नाम की रतन लगा तू तेरो अग्लो पिछले सुधर जासी
धीरज बाँध के अर्ज लगाले तेरो जनम सुधर जासी ।।

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